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CIBIL Score | RBI | RBI ने सिबिल स्कोअरबाबत हे 5 नवीन नियम केले आहेत | कर्ज घेण्यापूर्वी हे जाणून घ्या | तुमच्या फायद्यासाठी आहे
1- ग्राहकाला CIBIL चेकबद्दल माहिती पाठवावी लागेल.
2- विनंती नाकारण्याचे कारण देणे आवश्यक आहे.
3- वर्षातून एकदा ग्राहकांना मोफत संपूर्ण क्रेडिट रिपोर्ट द्या
4- डिफॉल्टची तक्रार करण्यापूर्वी ग्राहकाला माहिती देणे आवश्यक आहे.
5- तक्रारीचे 30 दिवसांत निराकरण करावे, अन्यथा दररोज 100 रुपये दंड आकारला जाईल.
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Old Pension Scheme Vs New Pension Scheme | जुन्या आणि नवीन पेन्शन योजनेत काय फरक आहे? | जाणून घ्या RBI अधिकारी काय म्हणताहेत
OPS आणि NPS मधील 8 मोठे फरक काय आहेत?
Old pension scheme vs New Pension Scheme: पुरानी और नई पेंशन स्कीम में है क्या अंतर
पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के मामले में कुल वित्तीय बोझ (Financial Burden) नई पेंशन योजना (New Pension Scheme) यानी एनपीएस (NPS) का 4.5 गुना तक हो सकता है. जानिए इसकी डीटेल्स.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधिकारियों ने नई और पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को लेकर एक लेख लिखा है. इसमें कहा गया है कि पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के मामले में कुल वित्तीय बोझ (Financial Burden) नई पेंशन योजना (New Pension Scheme) यानी एनपीएस (NPS) का 4.5 गुना तक हो सकता है. इस लेख में कहा गया है कि पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करना हमारे लिए देश को पीछे की ओर ले जाने वाला कदम साबित हो सकता है. रिजर्व बैंक की इस स्टडी में कहा गया है कि ऐसा करने वाले राज्यों की वित्तीय हालत मीडिय से लॉन्ग टर्म की अवधि में अस्थिर हो सकती है.
इस लेख में कहा है कि हाल ही में राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश ने एनपीएस से ओपीएस की ओर स्थानांतरित होने की घोषणा की है. इसमें कहा गया है कि ओपीएस में अल्पकालिक आकर्षण है, लेकिन मध्यम से दीर्घकालिक चुनौतियां भी हैं. राज्यों के ओपीएस पर वापस लौटने से वार्षिक पेंशन व्यय में 2040 तक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का सालाना सिर्फ 0.1 प्रतिशत बचाएंगे. वहीं उसके बाद उन्हें वार्षिक जीडीपी के 0.5 प्रतिशत के बराबर पेंशन पर अधिक खर्च करना होगा. लेख में कहा गया, “राज्यों द्वारा ओपीएस में कोई भी वापसी राजकोषीय रूप से अस्थिर होगी। हालांकि इससे उनके पेंशन व्यय में तत्काल गिरावट हो सकती है.”
OPS और NPS में क्या हैं 8 बड़े अंतर?
1- ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती. NPS में कर्मचारी के वेतन से 10% (बेसिक+DA) की कटौती होती है.
2- पुरानी पेंशन योजना में GPF (General Provident Fund) की सुविधा है. NPS में जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा को नहीं जोड़ा गया है.
3- पुरानी पेंशन (OPS) एक गारंटीड रिटर्न वाली पेंशन योजना है. इसका भुगतान सरकार की ट्रेजरी के जरिए किया जाता है. नई पेंशन योजना (NPS) शेयर बाजार और अन्य निवेशों पर आधारित है, इनकी चाल के आधार पर ही रिटर्न का भुगतान होता है.
4- पुरानी पेंशन OPS में रिटायरमेंट के समय अंतिम बेसिक सैलरी के 50 फीसदी तक निश्चित पेंशन मिलती है. NPS में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है. इसमें पेंशन आपके निवेश और उस पर मिले रिटर्न के आधार पर मिलती है.
5- पुरानी पेंशन योजना में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू होता है. NPS में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू नहीं होता है.
6- OPS में सर्विस के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन का प्रावधान है. NPS में सर्विस के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन मिलती है, लेकिन योजना में जमा पैसे सरकार जब्त कर लेती है.
7- OPS में रिटायरमेंट के समय पेंशन प्राप्ति के लिए GPF से कोई निवेश नहीं करना पड़ता है. NPS में रिटायरमेंट पर पेंशन प्राप्ति के लिए NPS फंड से 40 फीसदी पैसा इन्वेस्ट करना होता है.
8- OPS में 40 फीसदी पेंशन कम्यूटेशन का प्रावधान है. NPS में यह प्रावधान नहीं है. मेडिकल फैसिलिटी (FMA) है, लेकिन NPS में स्पष्ट प्रावधान नहीं है.